पंचायत राज व्यवस्था के अंतर्गत आदिवासी महिला नेतृत्व का राजनीतिक स्वरूप
स्वतंत्र भारत की जनवादी राजनीतिक सहभागिता के मूल्य पर आधारित है। राजनीतिक व्यवस्था के प्रत्येक स्तर पर व्यक्ति को सक्रिय रूप से भाग लेने का अवसर प्रदान किया गया है। समाज के निर्धन वर्ग विशेषकर अनुसूचित जाति और जनजाति के व्यक्तियों को राजनीतिक सहभागिता का अवसर प्रदान करने के लिए तीन प्रकार की व्यवस्थाओं को मुख्य रूवप से अपनाया गया है। प्रथम अनुसूचित जनजाति समुदाय की उन्नति के लिए शैक्षणिक कल्याण की योजनाएॅं अपनायी गयी है। द्वितीय सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था। तृतीय राजनीतिक आरक्षण की व्यवस्था।