प्राचीन भारतीय धर्म, दर्शन तथा कला

Registration Fee –  7000  per candidate
Duration – 1 Days
Date – 29 Jan 2023
End Date –
Venue -ISARA INSTITUTE OF MANAGEMENT & PROFESSIONAL STUDIES , Shanker Garden , New Delhi

हिन्दू धर्म में दर्शन अत्यन्त प्राचीन परम्परा रही है। वैदिक दर्शनों में षड्दर्शन (छः दर्शन) अधिक प्रसिद्ध और प्राचीन हैं। ये छः दर्शन ये हैं- न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, मीमांसा और वेदान्त। गीता का कर्मवाद भी इनके समकालीन है।


   

List of Few Enrolled / Participant Details
*We are making our record online and it is still in progress.                             
 
Download Certificate

प्राचीन भारतीय धर्म, दर्शन तथा कला से प्रतीकों का घनिष्ठ संबंध रहा है। प्रतीक प्रस्तुत और स्थूल पदार्थ होता है जो किसी अप्रस्तुत, सूक्ष्म भाव या अनुभूति का मानसिक आविर्भाव करता है। उदात और कोमल भावनाओं, दार्शनिक विवेचनाओं और आध्यात्मिक मान्यताओं को अत्यंत सरल, सुबोध और सुग्राह्य प्रतीकों के माध्यम से दर्शक के अन्तःकरण तक उतार देने का कार्य भारतीय कला ने किया है। ऐसे प्रतीकों में स्वास्तिक, श्रीवस्त, चक्र, वर्धमान, नन्द्यावर्त, पंचागुल, मीन-मिथुन, कलश, वृक्ष, दर्पण, पद्म, पत्र, हस्ति, सिंह, आसन, वैजयंती आदि अनेक नाम गिनाए जा सकते हैं। किन्तु इनमें से कुछ विशेष लोकप्रिय रहे है जैसे स्वस्तिक, पद्य, श्री लक्ष्मी आदि। इस लेख में भारतीय कला में प्रयुक्त प्रतीकों को कला में कुछ विशिष्ट प्रतीकों की ओर ही इंगित करना अभिप्रेत है।

Adv - Research Gateway - Market Research and Data Analysis Company


 
NEWS/EVENTS
Read More
  • Basic Level computer courses for Economical poor House wife (2nd Batch)

  • Child Computer literacy

  • Advance workshop on research methods, spss & research paper writing

  • Comprehensive Career & Counseling Programme