समावेशी शिक्षा के द्वारा ही सामान्य छात्र और एक दिव्यांग छात्र को समान षिक्षा के अवसर प्राप्त होते हैं। इससे दोनों के एक साथ पठन-पाठन से दिव्यांग छात्र (अपने आपको) समाज से अलग न होकर अपने आपको समाज का अंग ही समझते हैं।
आजादी के बाद भी भारत में षिक्षित व्यक्तियों की कमी है। इस कारण से सरकार द्वारा षिक्षा से जुड़ा हुआ अनेक नियम एवं कानून लागू किया गया ही इसी क्रम में समावेषी षिक्षा को लागू करके सरकार ने सभी को षिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। समावेषी षिक्षा में जितने भी तथ्य सम्मिलित किये गये हैं। वे सभी शारीरिक, मानसिक तथा विषिष्ट गुणों से युक्त विभिन्न बालकों को समान शिक्षा देने के उद्देष्य को पुरा करती है।