विश्व भर में बोलचाल के लिए लगभग 3,500 भाषाओं और बोलियों का प्रयोग किया जाता है, किन्तु एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य तक लिखकर बात पहुँचाने में इनमें से 500 से अधिक भाषाओं या बोलियों का इस्तेमाल नहीं होता। मौखिक और लिखित दोनों प्रकार के संचार के लिए काम आने वाली भाषाओं में से लगभग 16 भाषाएँ ऐसी हैं, जिनका व्यवहार 5 करोड़ से अधिक लोग करते हैं। विश्व की ये 16 प्रमुख भाषाएँ हैं: अरबी, अंग्रेजी, इतावली, उदू्र, चीनी परिवार की भाषाएँ, जर्मन, जापानी, तमिल, तेलुगु, पुर्तग़्ााली, फ्रांसीसी, बांगला, मलय-बहासा (भाषा), रुसी, स्पेनी और हिन्दी।
यह गौरव की बात है कि भारत की ऐसा एकमात्र देश है, जिसकी पाँच भाषाएँ विश्व की 16 प्रमुख भाषाओं की सूची में शामिल हैं। भारतीय भाषाएँ बोलने वाले व्यक्ति भारत सहित 137 देशों में फैले हुए हैं। स्वयं भारत और अन्य 136 देशों में रहने वाले करोड़ों भारतवासियों में से किसी ने भी अब तक इस दिशा में वैज्ञानिक ढंग से शोध नहीं किया है। विश्व भाषाओं में हिन्दी का सही स्थान तलाशने का काम तृतीय विश्व हिन्दी सम्मेलन से ही शुरू कर दिया जाए तो अच्छा रहेगा।